प्राकृतिक आयुर्वेदिक साबुन बनाना Prakrutik ayurvedic sabun banana

साबुन बनाने के लिए विभिन्न प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग किया जाता है:

सामग्री

1. 1 किलोग्राम गोबर पाउडर
2. 1 किलोग्राम मुल्तानी मिट्टी
3. 500 ग्राम गेरू मिट्टी
4. 500 ग्राम मेथी दाने पाउडर
5. 1 किलोग्राम रीठा पाउडर
6. 300 ग्राम नीम पाउडर
7. 100 ग्राम हल्दी
8. 1 किलोग्राम काली मिट्टी
9. 200 ग्राम नारियल तेल
10. 50 ग्राम भीमसैनी कपूर
11. चंदन पाउडर या नागर मोथा (वैकल्पिक)
12. कॉस्मेटिक ग्रेड का ग्वार गम (बाइंडिंग के लिए)
13. पानी/दूध/गौमूत्र/एलोवेरा जूस/गुलाब जल (गूथने के लिए)

*विधि*

1. *सामग्री मिलाना*: गोबर पाउडर, मुल्तानी मिट्टी, गेरू मिट्टी, मेथी दाने पाउडर, रीठा पाउडर, नीम पाउडर, हल्दी, और काली मिट्टी को एक बड़े बर्तन में मिलाएं।
2. *नारियल तेल और भीमसैनी कपूर मिलाना*: नारियल तेल को गरम करें और इसमें भीमसैनी कपूर मिलाएं। इस मिश्रण को ठंडा होने दें।
3. *मिश्रण मिलाना*: ठंडा हुआ नारियल तेल और भीमसैनी कपूर का मिश्रण को सामग्री के मिश्रण में मिलाएं।
4. *चंदन पाउडर या नागर मोथा मिलाना (वैकल्पिक)*: यदि आप चाहते हैं कि आपका साबुन अधिक सुगंधित हो, तो आप चंदन पाउडर या नागर मोथा मिला सकते हैं।
5. *ग्वार गम मिलाना*: कॉस्मेटिक ग्रेड का ग्वार गम मिलाएं ताकि साबुन को बाइंडिंग मिल सके।
6. *गूथना*: पानी/दूध/गौमूत्र/एलोवेरा जूस/गुलाब जल में से किसी एक का उपयोग करके मिश्रण को गूथ लें।
7. *साबुन बनाना*: गूथे हुए मिश्रण को एक साबुन मोल्ड में डालें और इसे सूखने दें।
8. *साबुन को काटना और पैक करना*: साबुन को सूखने के बाद काट लें और इसे पैक करें।

यह साबुन प्राकृतिक और आयुर्वेदिक है, जो त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है।
Prakrutik ayurvedic sabun banana

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

विभिन्न रोगों में मोरिंगा या सहजन का प्रयोग Uses of drumstick in different disease

गाजर मूली चुकंदर खाने के फायदे Benefits of eating chukander बेनिफिट्स ऑफ़ ईटिंग चुकंदर

मौसमी बुखार के लक्षण और उसे बचाने के उपाय Viral fever mausami bukhar causan