शाकाहार शुद्ध आहार Harms of non vegetarian Benefits of vegetarian world

अक्सर नॉनवेज में टेस्ट ढूंढने वाले लोग, उनके द्वारा जानवरों का किया गया अत्याचार को जस्टिफाई करने के लिए एक तर्क देते हैं। जिसमें वह बताते हैं कि वेजीटेरियन लोगों में विटामिन B12 की कमी हो जाती है.
जिसकी पूर्ति करने के लिए वे नों वेजीटेरियन खाना खाते हैं। 
आईए इस तर्क को समझते हैं यह कितना जस्टिफाई है।

विटामिन B12 जानवरों के शरीर में नहीं बनता है।

विटामिन B12 एक ऐसा पोषक तत्व है जो केवल कुछ सूक्ष्मजीवों (बैक्टीरिया) द्वारा ही बनाया जा सकता है। ये सूक्ष्मजीव आमतौर पर मिट्टी और पानी में पाए जाते हैं।

सजीव विटामिन B12 कैसे प्राप्त करते हैं?

पेड़ पौधे विटामिन b12 को डायरेक्ट मिट्टी और पानी से प्राप्त कर लेते हैं। 
लेकिन कुछ प्लांट ही इसका अवशोषण कर पाते हैं। 
 जब हम पेड़ पौधों को खाते हैं तो मिट्टी को साफ करते हैं । जिससे इसकी कुछ मात्रा ही पेड़ पौधों में बची रहती है जो हो सकता है वेजीटेरियन के लिए पर्याप्त न हो। 
मगर जब कोई जानवर बैक्टीरिया युक्त पानी पीता है या बैक्टीरिया युक्त खाना खाता है तो उसके शरीर में यह बैक्टीरिया पहुंच जाता है जिससे उसके भी 12 की कमी की पूर्ति होती है। 
 
इस बात से यह साबित होता है कि भी 12 का अच्छा स्रोत नॉन वेजिटेरियन है। 
 मगर इसका मतलब यह नहीं कि केवल नॉन वेजिटेरियन ही इसका स्रोत है। 
दूध, दही, पनीर, सोयाबीन, मशरूम 
वेजीटेरियन के लिए b12 के अच्छे स्रोत है। 

हो सकता है इन स्रोत से आपको भी 12 उतना ना मिले जितना आपके शरीर को जरूरत है। 

लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं की मीट खाने वालों को b12 की उतनी मात्रा मिलती है जितनी उनको जरूरत है। जैसा कि हम पहले बता चुके हैं विटामिन b12 बैक्टीरिया बनता है ना की जानवर बनता है। 
अगर आप मीत को किसी फॉर्म या कमर्शियल जगह से खरीद रहे हैं तो हो सकता है वहां पर पाए गए मीट में b12 ना मिले या बहुत कम मात्रा में मिले क्योंकि वह लगातार एक ही माहौल में रहते हैं और इस बैक्टीरिया की कमी होने के चांसेस हमेशा बने रहते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए फार्म में या कमर्शियल जगह पर इन जानवरों के खाने में इस बैक्टीरिया की अधिकता बढ़ाई जाती है। 

इस प्रकार आप जमीन में इस बैक्टीरिया की अधिकता बढ़कर सोयाबीन और सब्जियां तैयार कर सकते हैं। यह मीट के मुकाबला कम b12 वाला होगा लेकिन आपकी पूर्ति पूरी कर देगा। इसके अलावा दो ऐसी तकनीक हैं जो आपको नॉन वेजिटेरियन के मुकाबले ज्यादा विटामिन बी महिया करवा सकती है। 
 
पहली तकनीक है *शियाटेक मशरूम*
यह ऐसी मशरूम है कंट्रोल फार्मिंग के थ्रू इसमें मीट के मुकाबले 5 गुना अधिक b12 पैदा किया जा सकता है। 
इस मशरूम को उगते समय इसके लिए तैयार की गई मिट्टी और खाद में इसका संशोधन किया जाता है। 

दूसरी तकनीक का नाम है खमीर 
खमीर एक ऐसा कंवक है जिसका इस्तेमाल हम अक्सर खाने में करते हैं 
ब्रेड बनाने में, पिज़्ज़ा बनाने में या बेकिंग के लिए, अभी मार्केट में ऐसे खमीर मौजूद हैं जो 1 किग्रा चिकन मीट से एक टी स्पून लगभग दुगना b12 दे सकती है। 

तो यह एक कूर्त है जो अक्सर नॉन वेजिटेरियन लोग अपना स्वाद दूसरे लोगों पर ठोकने की कोशिश करते हैं। और एक जानवर की हत्या को जस्टिफाई करने की कोशिश करते हैं।

ध्यान दें:-विटामिन b12 शरीर की ग्रोथ में सहायक विटामिन है जरूरी विटामिन नहीं है

विटामिन b12 को जमीन और पानी में बी12 जेनेरा क्लेबसिएला और स्यूडोमोनास बैक्टीरिया पैदा करते हैं, यही बैक्टीरिया कोबाल्ट की मौजूदगी में जानवरों की अंत में विटामिन b12 पैदा करते हैं। 
यह बैक्टीरिया इंसान की बड़ी आंत में भी पाए जाते हैं और यह 0.5 माइक्रोग्राम प्रति 10 ग्राम इंसानी मल मैं पाए जाते हैं। यह बैक्टीरिया b12 को आंत में उस जगह पर पैदा करते हैं जहां से शरीर उसे पचा नहीं सकता। इसलिए यह इंसानी मल के साथ बाहर निकल जाता है। एक इंसान को प्रतिदिन 0.2 माइक्रोग्राम b12 चाहिए। 
इंसानी माल उसकी इस मल को आसानी से पूरा कर सकता है।

क्यों ना वे लोग किसी जानवर को मारने की वजह अपना मल खाएं 
जिसे विटामिन b12 चाहिए


Love all nature creation 


Benefits of vegetarian world harms of non
शाकाहार शुद्ध आहार है और शाकाहारी भोजन खाने के बहुत से फायदे हैं तो मांसाहार खाने के बहुत से नुकसान भी हैं तो नीचे दिए गए लिंक से आप इस निष्कर्ष पर पहुंच जाएंगे कि क्या लाभदायक है और क्या हानि कारक





अल्बर्ट आइंस्टाइन और निकोला टेस्ला के बराबर के अभी तक कोई साइंटिस्ट नहीं हुए और दोनों वेजिटेरियन हो गए थे क्या आप जानते हैं?
जो मोबाइल इंटरनेट कंप्यूटर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सब कुछ बिजली निकला टेस्ला के सिद्धांत पर काम करती है
और रही बात कि नॉनवेज खाने से मानव के दिमाग में क्रांति हुई और उसका दिमाग का विकास हो पाया।
यह एकदम बकवास और वाहियात तथ्य है।
क्योंकि जीव इंसान का विकास होने से पहले ही जब वह जमीन पर आया भी नहीं था तब से नॉनवेज खाता रहा है।
जब वह समुद्री जीव था तो वह नॉनवेज खाता था तब उसमें ऐसा कोई बदलाव नहीं आया उसमें बदलाव तब आया जब उसने अपने दोनों पैरों पर खड़ा होकर चलने का प्रयास किया।
चलने फिरने के लिए जितनी उर्जा वह पहले इस्तेमाल करता था उससे वह काफी उर्जा बचने लगी और जिससे ब्रेन का विकास हुआ।

दिमाग के विकास और नॉनवेज को इस तरफ से भी क्रिटिसाइज किया जा सकता है कि नॉनवेज को पचाने के लिए ज्यादा समय और ज्यादा बड़ी आंतों की जरूरत होती है लेकिन ऐसा कैसे हो रहा था कि जब मानव की आंते सिकुड़ रही थी मतलब छोटी हो रही थी। और वह नॉनवेज खा रहा था। किसी भी नॉनवेजिटेरियन जीव में आंते बड़ी होती हैं।


6 ऐसे शख्स जिन्होंने खुद शाकाहार को बढ़ावा दिया और प्रभावित किया पूरे विश्व को



कोरोनावायरस को लेकर दैनिक भास्कर में छपी है खबर




शाकाहार के प्रति महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के विचार


निकोला टेस्ला द्वारा शाकाहार के संबंध में कही गई कुछ महत्वपूर्ण बातें



शाकाहार और मांसाहार के बारे में अल्बर्ट आइंस्टीन का एक महत्वपूर्ण पत्र


धरती और पर्यावरण पर बोझ
स्विट्जरलैंड के कृषि अनुसंधान संस्थान एग्रोस्कोप और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक अध्ययन में पाया कि प्रति 100 ग्राम पशु प्रोटीन उत्पादन के लिए 370 वर्ग मीटर भूमि और 105 किलो कार्बन डायऑक्साइड समकक्ष की जरूरत होती है.

इतना ही प्रोटीन अगर बीन्स, मटर या दूसरे पौधों से प्राप्त किया जाए तो केवल एक वर्ग मीटर भूमि और 0.3 किलो कार्बन डायऑक्साइड समकक्ष का इस्तेमाल होता है.

मांस की थोड़ी-सी मात्रा के उत्पादन के लिए बड़ी मात्रा में फसलों का इस्तेमाल होता है. इन्हीं वजहों से दूध, अंडे और चीज़ का उत्पादन बहुत संसाधन मांगता है. एक पाउंड चीज़ बनाने के लिए 10 पाउंड दूध की जरूरत होती है.

2015 के एक अध्ययन में सुझाव दिया गया था कि यदि सभी 9 अरब लोग शाकाहार अपना लें तो खेती के पारंपरिक तरीकों की जगह ऑर्गेनिक खेती अपनाकर उनका पेट भरा जा सकता है।

क्या इससे खाने का खर्च घट सकता है या बढ़ेगा?
 पौधों से मिले आहार पशुओं से मिले आहार से सस्ते हैं ऐसा साबित हो चुका है, खानपान पर मांसाहारियों के मुक़ाबले शाकाहारियों का खर्च कम है।

8 ऐसे खाद्य पदार्थ जिनको मांस की जगह पर लिया जा सकता है और सभी प्रोटीन की पूर्ति की जा सकती है




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